2005 बैच के आईएएस अधिकारी ओम प्रकाश चौधरी (O P Choudhary ) ने कुछ दिनों पहले अपने ऑफिसियल फेसबुक पेज पे अपनी निजी जिंदगी से जुडी कुछ रोचक जानकारी शेयर की. उन्होंने बताया के बचपन में उन्हें भी असफलता का सामना करना पड़ा था और 5वी क्लास के बाद नवोदय विद्यालय के एंट्रेंस एग्जाम में फ़ैल हो गये थे. हलाकि उस समय किसे पता था कि आगे चल कर वो देश की सर्वोच्च यूपीएससी की परीक्षा क्लियर करेंगे.
नवोदय विद्यालय कि असफलता का कारन उन्होंने उचित मार्गदर्शन कि कमी और गाइड आदि का अभाव बताया. शायद उसी समय उन्होंने आगे चल कर इस समस्या को जड़ से समाप्त करने ही ठानी और कलेक्टर बनने के बाद “नन्हें परिंदे” परियोजना कि शुरुआत की.
जब मैं 5वीं क्लास के बाद नवोदय विद्यालय की परीक्षा दिया था, तो मार्गदर्शन और गाइड आदि के अभाव में मैं फेल हो गया था। मुझे भी निराशा हुई थी लेकिन तभी मैं यह निश्चय भी किया कि मैं जरूर कुछ करूँगा।
जब मैं कलेक्टर दंतेवाड़ा बना तो मैंने 5वीं क्लास के बिल्कुल गरीब बच्चों के नवोदय में प्रवेश के लिये “नन्हें परिंदे” परियोजना शुरू की नवोदय बारसूर की 90% सीटों में आज इसी “नन्हें परिंदे” परियोजना के गरीब बच्चों का चयन होता है। इसके बाद इन बच्चों की 12वीं तक की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा निःशुल्क हो जाती है।
हो सके तो उसे जयदा से जयदा अपने दोस्तों के साथ आगे बढ़ाते जाएँ.