विशाल महिला सम्मेलन : दस हजार से अधिक महिलाओँ की दमदार उपस्थिति के साथ अत्यधिक् धन वालों की नगरी धनागर में समाज के विशाल महिला सम्मेलन का आयोजन हुआ। सुबह रंगोली मेहँदी और सलाद सज्जा की प्रतियोगिता के बाद कलश यात्रा के साथ कार्यक्रम का आगाज हुआ।कार्यक्रम के संयोजक लक्ष्मीकांत पटेल द्वारा स्वागत उद्बोधन के बाद डॉ नैना पटेल द्वारा स्वागत गीत एवम कुहू पटेल द्वारा सत्यम शिवम सुंदरम गीत पर सुंदर नृत्य प्रस्तुत किया गया।
समाज के ईष्टदेव की पूजा अर्चना के बाद केन्द्रीय अध्यक्ष माननीय प्रेमशँकर पटेल जी ने सम्मेलन की सार्थकता और उद्देश्य पर प्रकाश डाला। फिर तारापुर की छात्राओं द्वारा बेटी बचाओ पर एक नाटिका का मंचन किया गया। हमारे समाज के यूथ आईकान श्री ओमप्रकाश चौधरी जी जिलाधीश रायपुर द्वारा अपने उद्बोधन में समाज में घटते लिंगानुपात पर चिंता व्यक्त की। समाज के बेटे बेटियो की शिक्षा पर माँ की भूमिका पर प्रकाश डालते हुये अपनी माँ का उदाहरण देते हुए उन्होंने अपने संतान के लिए माँ के त्याग समर्पण और अपनत्व की भावना को व्यक्त किया। शिवाजी की माँ जीजाबाई और केरल के मातृ सत्तात्मक परिवार के उद्धहरण के माध्यम से उन्होंने माँ की महत्ता पर प्रकाश डाला।अपने तरफ से इस कार्यक्रम हेतु 51000 रु और रायपुर में भवन हेतु 20 लाख रु के अनुदान की व्यवस्था करने का आस्वासन भी उन्होंने दिया।
इसके पश्चात् ”हमारी उड़ान ” स्मारिका का विमोचन किया गया : कार्यक्रम संचालिका द्वारा दशकर्म में बेटियो द्वारा केला गुलाबजामुन परोसने पर रोक, लग्नपूजा छट्ठी में मांसाहार पररोक, बेटी पठौने पर एक टीपा रोटी का बंधन, लिंग परीक्षण पर रोक,शादी में जूते चुराने की प्रथा पर प्रतिबंध के साथ दहेज़ लेने और देने पर रोक के लिए उपस्थित महिलाओं के दोनों हाथ उठवाकर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करवाया गया।
डॉ कल्याणी पटेल द्वारा हमारे समाज में प्रचलित बीमारी सिकल सेल एनीमिया सिकलिन के बारे में प्रकाश डाला गया : उन्होंने कहा सिकलिन दो प्रकार से होता है आनुवंशिक और बाहरी जैसे वैक्टीरिया या वायरस से। इसके लक्षण थकान जोड़ो में दर्द, लिवर किडनी ह्रदय में कमजोरी गर्भपात और फेफड़ों में संक्रमण। सावधानियां खाने में तरल की अधिकता अधिक ऑक्सीजन वाली जगह में रहना। अधिक ठण्ड या गर्मी से बचाव अधिक कसरत और इन्फेक्शन से बचना। इसके रोकथाम के लिए विवाह में रक्त समूह का मिलान। सिकलिन से अत्यधिक ग्रस्त लोग विवाह न करे।
समाज के प्रथम महाविद्यालय बांधापाली के छात्राओं द्वारा छत्तीसगढ़ी नृत्य के बाद महिला एवम बाल विकास अधिकारी ममता पटेल द्वारा कन्या भ्रूण हत्या पर चिंता व्यक्त करते हुए दहेज़ पर भी रोक लगाने और बेटियो द्वारा रोटी ले जाने पर भी आपत्ति व्यक्त की। उन्होंने इस पर हर्ष व्यक्त किया कि संमाज में लड़कियों की शिक्षा पर बहुत ध्यान दिया जा रहा है।
ओड़िसा से आई वरिष्ठ उपाध्यक्ष स्नेहलता पटेल ने कहां कि छत्तीसगढ़ और ओड़िसा दोनों राज्यो में अघरिया के बिना नही चलेगा : हमारे समाज की संस्कृति परम्परा संस्कार के जैसे किसी समाज में नही है। उन्होंने एक कंपनी का गठन कर हर गांव में इसकी शाखा खोलकर कुटीर उद्योग की सहायता से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की अपनी योजना के बारे में बताया।
कोडतराई के छत्राओं द्वारा सुवा नृत्य के बाद समाज की पूर्व वरिष्ठ उपाध्यक्ष उषा पटेल ने कहा दशकर्म में बेटियो द्वारा रोटी न परोसकर उस पैसे को किसी सामाजिक भवन में लगा देना चाहिए। जिससे उनके माता पिता का नाम चिरस्थायी रह सके। फिर सेवती पटेल राउरकेला के द्वारा उद्बोधन के बाद पद्मिनी नायक द्वारा नारी की महत्ता पर कविता पाठ किया गया। महासमुंद जिला पंचायत अध्यक्ष अनिता पटेल ने कहा कि नारी के पास ब्रम्हज्ञान है वे हर चीज कर सकती है। हमे जागरूक होकर मानसिक रूप से ससक्त होते हुए अपने दायित्वों का निर्वहन करना है।
कन्या विद्यालय कुसमरा की छात्राओं ने नशा, भ्रूणहत्या और दहेज़ पर आधारित एकांकी की सुंदर प्रस्तुति दी। ओड़िसा अघरिया प्रान्तीय अध्यक्षा सुषमा पटेल ने एक अजन्मे कन्या भ्रुण की करुण पुकार को अपनी कविता ” मेरी प्यारी माँ” मेँ प्रस्तुत किया।
समाज की केंद्रीय महिला संयोजिका गेसमोती पटेल ने भ्रूण हत्या दहेज़ और मांसाहार पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जो लोग लड़के के जन्म पर नाचे थे उन्हें बहु की प्राप्ति के लिए रोना पड़ेगा।इक नारी के अपमान करने के कारण रावण और कौरवो का नाश हुआ।उन्होंने समाज के पदों में 33% आरक्षण की मांग की।
मुख्य अतिथि रूपकुमारी चौधरी ने कहा कि अघरिया समाज एक मेहनतकश कर्तव्यनिष्ठ चरित्रवान दयावान समाज है जो प्रकृति और परंपरा को बनाये रखने में योगदान दे रहा है।
कार्यक्रम के अंत में एकमात्र संतान पुत्री के बाद ही नशबंदी कराने वाले दम्पत्तियो को सम्मानित किया गया : रंगोली में यमुना और भारती को प्रथम प्रियंका और आरती को द्वितीय पुरुष्कार तथा मेहँदी में नेहा प्रथम उर्वशी द्वितीय और भारती तृतीय पुरुष्कार प्रदान किये गए।इसी प्रकार सलाद सजावट के लिए पुरष्कृत किया गया। माननीय अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान करने के साथ ही इस महासम्मेलन का समापन हुआ। इस सम्मेलन मेँ ओड़िसा से 300 से अधिक सँख्या मेँ पारँपरिक ओड़िया परिधानोँ मेँ सजी धजी महिलाओँ की दमदार उपस्थिति सराहनीय रही तथा इस कार्यक्रम से प्रभावित होकर ओड़िसा मेँ भी महिला सम्मेलन कराने की ललक उनके चेहरे पर साफ दृष्टिगोचर हो रही थी । कार्यक्रम के बीच बीच मेँ लता चौधरी द्वारा महिलाओँ से सँबँधित रोचक प्रश्न पूछकर पुरुष्कृत किया गया।
कुल मिलाकर यह सम्मेलन अपने वाँछित उद्देश्योँ की पूर्ति करने मेँ अत्यँत सफल रहा।