बागबाहरा क्षेत्र के चंडी माता मंदिर में सभी सामाजिक बन्धुओं, माताओं को क्षेत्रीय समिति के अध्यक्ष श्री संकर कौशिक के अगुवाई में भोजन, आवास की बेहतरीन ब्यवस्था की गयी थी
केंद्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष ने फिर एक माह पूर्व से ही सभी छत्तीस क्षेत्रीय इकाई के अध्यक्षों से अपने अपने क्षेत्रों से विचार मंत्रणा उपरांत समाज हित में नियमावली को पुनरीक्षण हेतू प्रस्ताव मंगाया गया था जिसको केंद्रीय समिति ने उक्त प्रस्ताव को महासभा में रखी और लगभग 5000 की उपस्थिति वाले शभा सदों ने खुले मंच में गम्भीरता पूर्वक चर्चा कर जिन जिन नियमो को सहमति उपरांत ध्वनि मत से कानून बनाने हेतु प्रस्ताव को पारित की ओ सभी नियमो को सर्वविदित करते हुए मान्यता प्रदान किया गया।
कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय समिति की ओर से सभी सभासदों को नियमावली की प्रति भेंट दी गयी, सभी क्षेत्रीय अध्यक्ष, आंचलिक अध्यक्ष् एवं पदाधिकारियों को स्मृति चिन्ह से सम्मानित भी किया गया।
केंद्रीय अध्यक्ष प्रेमशंकर पटेल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष भुवनेश्वर पटेल, कोषाध्यक्ष पुरषोत्तम पटेल, महासचिव चित्रंजय पटेल, सचिव दीनदयाल पटेल, प्रवक्ता नरेश्वर शैलानी, संगठन सचिव सेतराम पटेल, युवा संयोजक अविनाश पटेल, महिला संयोजिका गेशमोती पटेल, सह संयोजक डॉ योगेश पटेल, द्वारिका पटेल, सभी अंचल प्रभारियों, एवं सभी क्षेत्रीय पदाधिकारियों से सलाह उपरांत माननीय केंद्रीय अध्यक्ष ने वरिष्ठ उपाध्यक्ष भुवनेश्वर पटेल को मध्याविधि महा शभा का संयोजक नियक्त किया.
बागबाहरा के महिला समूह ने भी अपनी सेवा भावना का परिचय देकर सभी अघरिया बन्धुओं का दिल जीत लिए।
महासभा में निम्नांकित विषय को संसोधन हेतु प्रस्ताव लाया गया और विचार उपरांत पास हुआ :-
1. सदस्यता हेतु साधारण सदस्यता पारिवारिक वार्षिक 60 रुपये एवं संरक्षक सदस्य हेतु एक हजार रुपये को प्रस्ताव रखा गया अब पूरे 500 रुपया क्षेत्र के खाते में एवं 500 रुपया केंद्र में जमा होगी।
2. आजीवन सदस्य्ता को समाप्त किया गया एवं पूर्व से ग्रहण कर चुके आजीवन सदस्यों को 900 रुपया टॉपअप करने से संरक्षक सदस्य बनाये जाने की सहमति बनी।
3. 2018 से सभी क्षेत्रों एवं केंद्र के सभी पदाधिकारियों का कार्यकाल एक बार की होगी अर्थात “एक ब्यक्ति एक पद एक कार्यकाल” होगी।
4. सामाजिक आचार संहिता नियमावली का शत प्रतिशत परिपालन की अपील की गई उलंघन पर अर्थदण्ड।
5. मृतक भोज एवं दशकर्म में सीमित भोज हेतु प्रोत्साहित की जाएगी दो पकवान में सिर्फ दो बड़ा दो जलेबी के अलावा और मीठा परोसना वर्जित करने सहमति बनी ,उलंघन पर अर्थदण्ड।
6. भोजन उपरांत पत्तल उठाने की परंपरा को प्रोत्साहन हेतु सहमति बनी एवं स्वयं का झूठन पत्तल उठाना अनिवार्य किया गया।
7. जूता चोरी प्रथा अनिवार्य रूप से बन्द करने पर सहमति बनी।
8. लग्नपूजा एवं अंगूठी रश्म को एक ही दिन करने पर सहमति बनी।
9. महिलाओं को सम्मान करने के उद्देश्य से नदी या तालाब से पानी नहाई में गीला कपड़ा पहन के आने की एवं बीना चप्पल के आने की अनिवार्यता समाप्त की गयी।
10. तिझा नेग में टीपा टीपा रोटी लेना देना को समाप्त करने का निर्णय हुआ।
11. किसी भी सहभोज(छट्टी, जन्मोत्सव, नारियल तोड़ाई, लग्न पूजा, सगाई, वधु प्रवेश) में मांसाहार निषिद्ध करने पर सहमति बनी।
12. अगर कोई भी मांसाहार भोजन आयोजित करे तो उस कार्यक्रम का सामूहिक वहिष्कार करने एवं 11000 अर्थ दंड करने का प्रस्ताव पास हुआ।
13. अघरिया बेटा एवं बेटियों का विवाह अघरिया समाज के ही बेटा एवं बेटियों से किया जाने को ही मान्यता दिया जायेगा पर सहमति बनी।
14. बारात का स्वागत दिन में ही करने को प्रोत्साहित किया जायेगा पर सहमति बनी एवं वर पक्ष एवं वधू पक्ष दोनों मिलकर एक स्थान पर विवाह करने एवं आशीर्वाद समारोह आयोजन को प्रोत्साहित किया जाने की सहमति बनी।
15. कोई भी युवक/युवती अघरिया समाज में विवाह नही करता है तो उसे अखिल भारतीय अघरिया समाज के संगठन की प्राथमिक सदस्यता से पृथक किया जायेगा पर सहमति बनी।
16. भाभी विवाह को किसी भी स्थति में मान्यता नही दिया जावेगा।
17. कोई भी युवक/युवती पहले अंतर्जातीय विवाह करता है और कुछ दिन बाद किसी भी कारण से ओ अलग होकर फिर से अघरिया समाज से मिलना चाहेगा तो स्वीकार्य नही होगा।
18. अंतर्जातीय विवाह कर चुके बच्चों को सुखद जीवन की बधाई दें दें, उन्हें किसी भी कीमत में परिवार जन समाज में न मिलाएं उनके लिए मरती जीती खाना अनिवार्य होगा, अन्यथा समन्धित परिवार को भी संगठन की सदस्यता से पृथक कर दिया जावेगा।
19. सभी नियमो को कड़ाई से पालन हो इस कारण किसी भी कुरुति उन्मूलन के विषय में “नियम के उलंघन करता” को भारी भरकमअर्थदण्ड करने का प्रस्ताव पास हुआ
निवेदक : भूवनेश्वर पटेल,
वरिष्ठ उपाध्यक्ष (केंद्रीय समिति रायगढ़)