हम सब अभिभावक चाहते हैँ कि हमारे बच्चे महँगे से महँगे अँग्रेजी माध्यम के बड़े महानगरोँ के नामचीन विद्यालयोँ मेँ पढ़े। हमारी सोच इससे ये है कि हमारा बच्चा इन विद्यालयोँ मेँ पढ़ेगा तो ज्यादा सफलताएँ अर्जित करके हमारा नाम रोशन करेगा। लेकिन अभी घोषित छ ग राज्य सेवा परीक्षा के परिणाम और ही कहानी बयाँ करते हैँ।
इस परीक्षा मेँ हमारे समाज के बहुत से युवाओँ ने सफलता पाई है। इनमेँ से कुछ का जिक्र करना चाहुँगा। 6वेँ रैँक मेँ उमेश पटेल गाँव भँवरपुर जिला महासमुँद, 8वेँ रैँक मेँ प्रभात पटेल ग्राम बगरैल डभरा जिला जाँजगीर, 12वेँ रैँक मेँ नूरेन्द्र पटेल गाँव बरदापुटी जिला रायगढ़ और 91 वेँ रैँक मेँ सँदीप पटेल गाँव केनाभाँठा डभरा जिला जाँजगीर हैँ।
ये चारोँ ठेठ ग्रामीण किसान परिवार से आते हैँ और इनकी प्राथमिक से उच्चतर माध्यमिक तक की शिक्षा हिन्दी माध्यम के निजी या सरकारी विद्यालयोँ मेँ हुई है और चारोँ इँजीनियरिँग स्नातक हैँ। इनकी सफलताओँ से आपको ये नहीँ लगता कि हमारी सोच मेँ कोई कमी है। बच्चा यदि प्रतिभाशाली है तो वह अँग्रेजी माध्यम के नामी स्कूलोँ का मोहताज नहीँ है। अतः समाज को इस अँधानुकरण को त्याग कर अपने बच्चे की प्रतिभा विकसित करनी होगी।
छ. ग. राज्य लोक सेवा परीक्षा मेँ सफल सभी युवाओँ को हमारी बधाई और उज्जवल भविष्य की शुभकामनायेँ।
Written by Vijay Patel